महाभारतम् — 1.2.127
Original
Segmented
कर्णस्य परिमोषो ऽत्र कुण्डलाभ्याम् पुरंदरात् आरणेयम् उपाख्यानम् यत्र धर्मो ऽन्वशात् सुतम् जग्मुः लब्ध-वराः यत्र पाण्डवाः पश्चिमाम् दिशम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
कर्णस्य | कर्ण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
परिमोषो | परिमोष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽत्र | अत्र | pos=i |
कुण्डलाभ्याम् | कुण्डल | pos=n,g=n,c=5,n=d |
पुरंदरात् | पुरंदर | pos=n,g=m,c=5,n=s |
आरणेयम् | आरणेय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
उपाख्यानम् | उपाख्यान | pos=n,g=n,c=1,n=s |
यत्र | यत्र | pos=i |
धर्मो | धर्म | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽन्वशात् | अनुशास् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
सुतम् | सुत | pos=n,g=m,c=2,n=s |
जग्मुः | गम् | pos=v,p=3,n=p,l=lit |
लब्ध | लभ् | pos=va,comp=y,f=part |
वराः | वर | pos=n,g=m,c=1,n=p |
यत्र | यत्र | pos=i |
पाण्डवाः | पाण्डव | pos=n,g=m,c=1,n=p |
पश्चिमाम् | पश्चिम | pos=a,g=f,c=2,n=s |
दिशम् | दिश् | pos=n,g=f,c=2,n=s |