महाभारतम् — 1.2.118
Original
Segmented
शर्याति-यज्ञे नासत्यौ कृतवान् सोम-पीथिनः ताभ्याम् च यत्र स मुनिः यौवनम् प्रतिपादितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शर्याति | शर्याति | pos=n,comp=y |
यज्ञे | यज्ञ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
नासत्यौ | नासत्य | pos=n,g=m,c=2,n=d |
कृतवान् | कृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सोम | सोम | pos=n,comp=y |
पीथिनः | पीथिन् | pos=a,g=m,c=2,n=d |
ताभ्याम् | तद् | pos=n,g=m,c=3,n=d |
च | च | pos=i |
यत्र | यत्र | pos=i |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मुनिः | मुनि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
यौवनम् | यौवन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रतिपादितः | प्रतिपादय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |