Original

हितं तु परमं कर्ण ब्रवीमि कुरुवर्धनम् ।अथ त्वं मन्यसे दुष्टं ब्रूहि यत्परमं हितम् ॥ २७ ॥

Segmented

हितम् तु परमम् कर्ण ब्रवीमि कुरु-वर्धनम् अथ त्वम् मन्यसे दुष्टम् ब्रूहि यत् परमम् हितम्

Analysis

Word Lemma Parse
हितम् हित pos=a,g=n,c=2,n=s
तु तु pos=i
परमम् परम pos=a,g=n,c=2,n=s
कर्ण कर्ण pos=n,g=m,c=8,n=s
ब्रवीमि ब्रू pos=v,p=1,n=s,l=lat
कुरु कुरु pos=n,comp=y
वर्धनम् वर्धन pos=a,g=n,c=2,n=s
अथ अथ pos=i
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
मन्यसे मन् pos=v,p=2,n=s,l=lat
दुष्टम् दुष् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
यत् यद् pos=n,g=n,c=1,n=s
परमम् परम pos=a,g=n,c=1,n=s
हितम् हित pos=a,g=n,c=1,n=s