महाभारतम् — 1.196.1
Original
Segmented
द्रोण उवाच मन्त्राय समुपानीतैः धृतराष्ट्र-हितैः नृप धर्म्यम् पथ्यम् यशस्यम् च वाच्यम् इति अनुशुश्रुमः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
द्रोण | द्रोण | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
मन्त्राय | मन्त्र | pos=n,g=m,c=4,n=s |
समुपानीतैः | समुपानी | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
धृतराष्ट्र | धृतराष्ट्र | pos=n,comp=y |
हितैः | हि | pos=va,g=m,c=3,n=p,f=part |
नृप | नृप | pos=n,g=m,c=8,n=s |
धर्म्यम् | धर्म्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
पथ्यम् | पथ्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
यशस्यम् | यशस्य | pos=a,g=n,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
वाच्यम् | वच् | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=krtya |
इति | इति | pos=i |
अनुशुश्रुमः | अनुश्रु | pos=v,p=1,n=p,l=lit |