Original

विक्रमं च प्रशंसन्ति क्षत्रियस्य विशां पते ।स्वको हि धर्मः शूराणां विक्रमः पार्थिवर्षभ ॥ १८ ॥

Segmented

विक्रमम् च प्रशंसन्ति क्षत्रियस्य विशाम् पते स्वको हि धर्मः शूराणाम् विक्रमः पार्थिव-ऋषभ

Analysis

Word Lemma Parse
विक्रमम् विक्रम pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
प्रशंसन्ति प्रशंस् pos=v,p=3,n=p,l=lat
क्षत्रियस्य क्षत्रिय pos=n,g=m,c=6,n=s
विशाम् विश् pos=n,g=f,c=6,n=p
पते पति pos=n,g=m,c=8,n=s
स्वको स्वक pos=a,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
धर्मः धर्म pos=n,g=m,c=1,n=s
शूराणाम् शूर pos=n,g=m,c=6,n=p
विक्रमः विक्रम pos=n,g=m,c=1,n=s
पार्थिव पार्थिव pos=n,comp=y
ऋषभ ऋषभ pos=n,g=m,c=8,n=s