Original

यच्च त्वं मन्यसे प्राप्तं तद्ब्रूहि त्वं सुयोधन ।राधेय मन्यसे त्वं च यत्प्राप्तं तद्ब्रवीहि मे ॥ ३ ॥

Segmented

यत् च त्वम् मन्यसे प्राप्तम् तद् ब्रूहि त्वम् सुयोधन राधेय मन्यसे त्वम् च यत् प्राप्तम् तद् ब्रवीहि मे

Analysis

Word Lemma Parse
यत् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
pos=i
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
मन्यसे मन् pos=v,p=2,n=s,l=lat
प्राप्तम् प्राप् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
ब्रूहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
सुयोधन सुयोधन pos=n,g=m,c=8,n=s
राधेय राधेय pos=n,g=m,c=8,n=s
मन्यसे मन् pos=v,p=2,n=s,l=lat
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
pos=i
यत् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
प्राप्तम् प्राप् pos=va,g=n,c=2,n=s,f=part
तद् तद् pos=n,g=n,c=2,n=s
ब्रवीहि ब्रू pos=v,p=2,n=s,l=lot
मे मद् pos=n,g=,c=4,n=s