महाभारतम् — 1.189.18
Original
Segmented
ततः शक्रः स्पृष्ट-मात्रः तया तु स्रस्तैः अङ्गैः पतितो ऽभूद् धरण्याम् तम् अब्रवीद् भगवान् उग्र-तेजाः मा एवम् पुनः शक्र कृथाः कथंचित्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
शक्रः | शक्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्पृष्ट | स्पृश् | pos=va,comp=y,f=part |
मात्रः | मात्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तया | तद् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
तु | तु | pos=i |
स्रस्तैः | स्रंस् | pos=va,g=n,c=3,n=p,f=part |
अङ्गैः | अङ्ग | pos=n,g=n,c=3,n=p |
पतितो | पति | pos=n,g=m,c=5,n=s |
ऽभूद् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lun |
धरण्याम् | धरणी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अब्रवीद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
भगवान् | भगवन्त् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उग्र | उग्र | pos=a,comp=y |
तेजाः | तेजस् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मा | मा | pos=i |
एवम् | एवम् | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
शक्र | शक्र | pos=n,g=m,c=8,n=s |
कृथाः | कृ | pos=v,p=2,n=s,l=lun_unaug |
कथंचित् | कथंचिद् | pos=i |