महाभारतम् — 1.184.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच धृष्टद्युम्नः तु पाञ्चाल्यः पृष्ठतः कुरु-नन्दनौ अन्वगच्छत् तदा यान्तौ भार्गवस्य
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
धृष्टद्युम्नः | धृष्टद्युम्न | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तु | तु | pos=i |
पाञ्चाल्यः | पाञ्चाल्य | pos=a,g=m,c=1,n=s |
पृष्ठतः | पृष्ठतस् | pos=i |
कुरु | कुरु | pos=n,comp=y |
नन्दनौ | नन्दन | pos=n,g=m,c=2,n=d |
अन्वगच्छत् | अनुगम् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
तदा | तदा | pos=i |
यान्तौ | भार्गव | pos=n,g=m,c=6,n=s |
भार्गवस्य | निवेशन | pos=n,g=n,c=2,n=s |