महाभारतम् — 1.182.1
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच गत्वा तु ताम् भार्गव-कर्मशालाम् पार्थौ पृथाम् प्राप्य महा-अनुभावौ ताम् याज्ञसेनीम् परम-प्रतीतौ भिक्षा इति अथ अवेदयताम् नर-अग्र्यौ
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
गत्वा | गम् | pos=vi |
तु | तु | pos=i |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
भार्गव | भार्गव | pos=n,comp=y |
कर्मशालाम् | कर्मशाला | pos=n,g=f,c=2,n=s |
पार्थौ | पार्थ | pos=n,g=m,c=1,n=d |
पृथाम् | पृथा | pos=n,g=f,c=2,n=s |
प्राप्य | प्राप् | pos=vi |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
अनुभावौ | अनुभाव | pos=n,g=m,c=1,n=d |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
याज्ञसेनीम् | याज्ञसेनी | pos=n,g=f,c=2,n=s |
परम | परम | pos=a,comp=y |
प्रतीतौ | प्रती | pos=va,g=m,c=1,n=d,f=part |
भिक्षा | भिक्षा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
अथ | अथ | pos=i |
अवेदयताम् | वेदय् | pos=v,p=3,n=d,l=lan |
नर | नर | pos=n,comp=y |
अग्र्यौ | अग्र्य | pos=a,g=m,c=1,n=d |