महाभारतम् — 1.173.23
Original
Segmented
न हि सस्मार नृपतिः तम् शापम् शाप-मोहितः देव्याः सो ऽथ वचः श्रुत्वा स तस्या नृप-सत्तमः तम् च शापम् अनुस्मृत्य पर्यतप्यद् भृशम् तदा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
न | न | pos=i |
हि | हि | pos=i |
सस्मार | स्मृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
नृपतिः | नृपति | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शापम् | शाप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
शाप | शाप | pos=n,comp=y |
मोहितः | मोहय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
देव्याः | देवी | pos=n,g=f,c=6,n=s |
सो | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ऽथ | अथ | pos=i |
वचः | वचस् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
श्रुत्वा | श्रु | pos=vi |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तस्या | तद् | pos=n,g=f,c=6,n=s |
नृप | नृप | pos=n,comp=y |
सत्तमः | सत्तम | pos=a,g=m,c=1,n=s |
तम् | तद् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
च | च | pos=i |
शापम् | शाप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अनुस्मृत्य | अनुस्मृ | pos=vi |
पर्यतप्यद् | परितप् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
भृशम् | भृशम् | pos=i |
तदा | तदा | pos=i |