महाभारतम् — 1.173.12
Original
Segmented
शापम् प्राप्तो ऽसि दुर्धर्ष न पापम् कर्तुम् अर्हसि ऋतु-काले तु सम्प्राप्ते भर्त्रा अस्मि अद्य समागता
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
शापम् | शाप | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्राप्तो | प्राप् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽसि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
दुर्धर्ष | दुर्धर्ष | pos=a,g=m,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
पापम् | पाप | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कर्तुम् | कृ | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
ऋतु | ऋतु | pos=n,comp=y |
काले | काल | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तु | तु | pos=i |
सम्प्राप्ते | सम्प्राप् | pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part |
भर्त्रा | भर्तृ | pos=n,g=m,c=3,n=s |
अस्मि | अस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
अद्य | अद्य | pos=i |
समागता | समागम् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |