महाभारतम् — 1.173.1
Original
Segmented
अर्जुन उवाच राज्ञा कल्माषपादेन गुरौ ब्रह्म-विदाम् वरे कारणम् किम् पुरस्कृत्य भार्या वै संनियोजिता
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्जुन | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
राज्ञा | राजन् | pos=n,g=m,c=3,n=s |
कल्माषपादेन | कल्माषपाद | pos=n,g=m,c=3,n=s |
गुरौ | गुरु | pos=n,g=m,c=7,n=s |
ब्रह्म | ब्रह्मन् | pos=n,comp=y |
विदाम् | विद् | pos=a,g=m,c=6,n=p |
वरे | वर | pos=a,g=m,c=7,n=s |
कारणम् | कारण | pos=n,g=n,c=2,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
पुरस्कृत्य | पुरस्कृ | pos=vi |
भार्या | भार्या | pos=n,g=f,c=1,n=s |
वै | वै | pos=i |
संनियोजिता | संनियोजय् | pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part |