महाभारतम् — 1.171.9
Original
Segmented
प्रतिषेद्धा हि पापस्य यदा लोकेषु विद्यते तदा सर्वेषु लोकेषु पाप-कृत् न उपपद्यते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
प्रतिषेद्धा | प्रतिषेद्धृ | pos=a,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
पापस्य | पाप | pos=n,g=n,c=6,n=s |
यदा | यदा | pos=i |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विद्यते | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
तदा | तदा | pos=i |
सर्वेषु | सर्व | pos=n,g=m,c=7,n=p |
लोकेषु | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
पाप | पाप | pos=n,comp=y |
कृत् | कृत् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
उपपद्यते | उपपद् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |