महाभारतम् — 1.171.10
Original
Segmented
यदा तु प्रतिषेद्धारम् पापो न लभते क्वचित् तिष्ठन्ति बहवो लोके तदा पापेषु कर्मसु
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
तु | तु | pos=i |
प्रतिषेद्धारम् | प्रतिषेद्धृ | pos=a,g=m,c=2,n=s |
पापो | पाप | pos=a,g=m,c=1,n=s |
न | न | pos=i |
लभते | लभ् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
क्वचित् | क्वचिद् | pos=i |
तिष्ठन्ति | स्था | pos=v,p=3,n=p,l=lat |
बहवो | बहु | pos=a,g=m,c=1,n=p |
लोके | लोक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
तदा | तदा | pos=i |
पापेषु | पाप | pos=a,g=n,c=7,n=p |
कर्मसु | कर्मन् | pos=n,g=n,c=7,n=p |