महाभारतम् — 1.167.3
Original
Segmented
अथ चिन्ताम् समापेदे पुनः पौरव-नन्दन अम्भसि अस्याः निमज्जेयम् इति दुःख-समन्वितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अथ | अथ | pos=i |
चिन्ताम् | चिन्ता | pos=n,g=f,c=2,n=s |
समापेदे | समापद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
पुनः | पुनर् | pos=i |
पौरव | पौरव | pos=n,comp=y |
नन्दन | नन्दन | pos=n,g=m,c=8,n=s |
अम्भसि | अम्भस् | pos=n,g=n,c=7,n=s |
अस्याः | इदम् | pos=n,g=f,c=6,n=s |
निमज्जेयम् | निमज्ज् | pos=v,p=1,n=s,l=vidhilin |
इति | इति | pos=i |
दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
समन्वितः | समन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |