महाभारतम् — 1.163.5
Original
Segmented
ततः सर्व-अनवद्य-अङ्गीम् तपतीम् तपनः स्वयम् ददौ संवरणस्य अर्थे वसिष्ठाय महात्मने प्रतिजग्राह ताम् कन्याम् महा-ऋषिः तपतीम् तदा
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
ततः | ततस् | pos=i |
सर्व | सर्व | pos=n,comp=y |
अनवद्य | अनवद्य | pos=a,comp=y |
अङ्गीम् | अङ्ग | pos=a,g=f,c=2,n=s |
तपतीम् | तपती | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तपनः | तपन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
स्वयम् | स्वयम् | pos=i |
ददौ | दा | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
संवरणस्य | संवरण | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अर्थे | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=s |
वसिष्ठाय | वसिष्ठ | pos=n,g=m,c=4,n=s |
महात्मने | महात्मन् | pos=a,g=m,c=4,n=s |
प्रतिजग्राह | प्रतिग्रह् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
ताम् | तद् | pos=n,g=f,c=2,n=s |
कन्याम् | कन्या | pos=n,g=f,c=2,n=s |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
ऋषिः | ऋषि | pos=n,g=m,c=1,n=s |
तपतीम् | तपती | pos=n,g=f,c=2,n=s |
तदा | तदा | pos=i |