Original

भक्तं मामसितापाङ्गे न परित्यक्तुमर्हसि ।त्वं हि मां प्रीतियोगेन त्रातुमर्हसि भामिनि ॥ १२ ॥

Segmented

भक्तम् माम् असित-अपाङ्गे न परित्यक्तुम् अर्हसि त्वम् हि माम् प्रीति-योगेन त्रातुम् अर्हसि भामिनि

Analysis

Word Lemma Parse
भक्तम् भक्त pos=n,g=m,c=2,n=s
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
असित असित pos=a,comp=y
अपाङ्गे अपाङ्ग pos=n,g=f,c=8,n=s
pos=i
परित्यक्तुम् परित्यज् pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
हि हि pos=i
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
प्रीति प्रीति pos=n,comp=y
योगेन योग pos=n,g=n,c=3,n=s
त्रातुम् त्रा pos=vi
अर्हसि अर्ह् pos=v,p=2,n=s,l=lat
भामिनि भामिनी pos=n,g=f,c=8,n=s