Original

गन्धर्व उवाच ।हन्त ते कथयिष्यामि कथामेतां मनोरमाम् ।यथावदखिलां पार्थ धर्म्यां धर्मभृतां वर ॥ ४ ॥

Segmented

गन्धर्व उवाच हन्त ते कथयिष्यामि कथाम् एताम् मनोरमाम् यथावद् अखिलाम् पार्थ धर्म्याम् धर्म-भृताम् वर

Analysis

Word Lemma Parse
गन्धर्व गन्धर्व pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
हन्त हन्त pos=i
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
कथयिष्यामि कथय् pos=v,p=1,n=s,l=lrt
कथाम् कथा pos=n,g=f,c=2,n=s
एताम् एतद् pos=n,g=f,c=2,n=s
मनोरमाम् मनोरम pos=a,g=f,c=2,n=s
यथावद् यथावत् pos=i
अखिलाम् अखिल pos=a,g=f,c=2,n=s
पार्थ पार्थ pos=n,g=m,c=8,n=s
धर्म्याम् धर्म्य pos=a,g=f,c=2,n=s
धर्म धर्म pos=n,comp=y
भृताम् भृत् pos=a,g=m,c=6,n=p
वर वर pos=a,g=m,c=8,n=s