Original

स हि तां तर्कयामास रूपतो नृपतिः श्रियम् ।पुनः संतर्कयामास रवेर्भ्रष्टामिव प्रभाम् ॥ २५ ॥

Segmented

स हि ताम् तर्कयामास रूपतो नृपतिः श्रियम् पुनः संतर्कयामास रवेः भ्रष्टाम् इव प्रभाम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
हि हि pos=i
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
तर्कयामास तर्कय् pos=v,p=3,n=s,l=lit
रूपतो रूप pos=n,g=n,c=5,n=s
नृपतिः नृपति pos=n,g=m,c=1,n=s
श्रियम् श्री pos=n,g=f,c=2,n=s
पुनः पुनर् pos=i
संतर्कयामास संतर्कय् pos=v,p=3,n=s,l=lit
रवेः रवि pos=n,g=m,c=5,n=s
भ्रष्टाम् भ्रंश् pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
इव इव pos=i
प्रभाम् प्रभा pos=n,g=f,c=2,n=s