Original

श्रीरनन्तरमुत्पन्ना घृतात्पाण्डुरवासिनी ।सुरा देवी समुत्पन्ना तुरगः पाण्डुरस्तथा ॥ ३४ ॥

Segmented

श्रीः अनन्तरम् उत्पन्ना घृतात् पाण्डुर-वासिन् सुरा देवी समुत्पन्ना तुरगः पाण्डुरः तथा

Analysis

Word Lemma Parse
श्रीः श्री pos=n,g=f,c=1,n=s
अनन्तरम् अनन्तर pos=a,g=n,c=2,n=s
उत्पन्ना उत्पद् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
घृतात् घृत pos=n,g=n,c=5,n=s
पाण्डुर पाण्डुर pos=a,comp=y
वासिन् वासिन् pos=a,g=f,c=1,n=s
सुरा सुरा pos=n,g=f,c=1,n=s
देवी देवी pos=n,g=f,c=1,n=s
समुत्पन्ना समुत्पद् pos=va,g=f,c=1,n=s,f=part
तुरगः तुरग pos=n,g=m,c=1,n=s
पाण्डुरः पाण्डुर pos=a,g=m,c=1,n=s
तथा तथा pos=i