Original

याजस्तु हवनस्यान्ते देवीमाह्वापयत्तदा ।प्रैहि मां राज्ञि पृषति मिथुनं त्वामुपस्थितम् ॥ ३४ ॥

Segmented

याजः तु हवनस्य अन्ते देवीम् आह्वापयत् प्रैहि माम् राज्ञि पृषति मिथुनम् त्वाम् उपस्थितम्

Analysis

Word Lemma Parse
याजः याज pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
हवनस्य हवन pos=n,g=n,c=6,n=s
अन्ते अन्त pos=n,g=m,c=7,n=s
देवीम् देवी pos=n,g=f,c=2,n=s
आह्वापयत् तदा pos=i
प्रैहि प्रे pos=v,p=2,n=s,l=lot
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
राज्ञि राज्ञी pos=n,g=f,c=8,n=s
पृषति पृषती pos=n,g=f,c=8,n=s
मिथुनम् मिथुन pos=n,g=n,c=1,n=s
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
उपस्थितम् उपस्था pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part