महाभारतम् — 1.155.18
Original
Segmented
संहिता-अध्ययनम् कुर्वन् वसन् गुरु-कुले च यः भैक्षम् उच्छिष्टम् अन्येषाम् भुङ्क्ते च अपि सदा सदा कीर्तयन् गुणम् अन्नानाम् अघृणी च पुनः पुनः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
संहिता | संहिता | pos=n,comp=y |
अध्ययनम् | अध्ययन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
कुर्वन् | कृ | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
वसन् | वस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
गुरु | गुरु | pos=n,comp=y |
कुले | कुल | pos=n,g=n,c=7,n=s |
च | च | pos=i |
यः | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भैक्षम् | भैक्ष | pos=n,g=n,c=2,n=s |
उच्छिष्टम् | उच्छिष्ट | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अन्येषाम् | अन्य | pos=n,g=m,c=6,n=p |
भुङ्क्ते | भुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
च | च | pos=i |
अपि | अपि | pos=i |
सदा | सदा | pos=i |
सदा | सदा | pos=i |
कीर्तयन् | कीर्तय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
गुणम् | गुण | pos=n,g=m,c=2,n=s |
अन्नानाम् | अन्न | pos=n,g=n,c=6,n=p |
अघृणी | अघृणिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |