महाभारतम् — 1.145.24
Original
Segmented
अर्थ-ईप्सुता परम् दुःखम् अर्थ-प्राप्तौ ततो ऽधिकम् जात-स्नेहस्य च अर्थेषु विप्रयोगे महत्तरम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
ईप्सुता | ईप्सुता | pos=n,g=f,c=1,n=s |
परम् | पर | pos=n,g=n,c=1,n=s |
दुःखम् | दुःख | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अर्थ | अर्थ | pos=n,comp=y |
प्राप्तौ | प्राप्ति | pos=n,g=f,c=7,n=s |
ततो | ततस् | pos=i |
ऽधिकम् | अधिक | pos=a,g=n,c=1,n=s |
जात | जन् | pos=va,comp=y,f=part |
स्नेहस्य | स्नेह | pos=n,g=m,c=6,n=s |
च | च | pos=i |
अर्थेषु | अर्थ | pos=n,g=m,c=7,n=p |
विप्रयोगे | विप्रयोग | pos=n,g=m,c=7,n=s |
महत्तरम् | महत्तर | pos=a,g=n,c=1,n=s |