Original

ब्राह्मण उवाच ।धिगिदं जीवितं लोकेऽनलसारमनर्थकम् ।दुःखमूलं पराधीनं भृशमप्रियभागि च ॥ २० ॥

Segmented

ब्राह्मण उवाच धिग् इदम् जीवितम् लोके अनल-सारम् अनर्थकम् दुःख-मूलम् पर-अधीनम् भृशम् अप्रिय-भागिन् च

Analysis

Word Lemma Parse
ब्राह्मण ब्राह्मण pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
धिग् धिक् pos=i
इदम् इदम् pos=n,g=n,c=1,n=s
जीवितम् जीवित pos=n,g=n,c=1,n=s
लोके लोक pos=n,g=m,c=7,n=s
अनल अनल pos=n,comp=y
सारम् सार pos=n,g=n,c=1,n=s
अनर्थकम् अनर्थक pos=a,g=n,c=1,n=s
दुःख दुःख pos=n,comp=y
मूलम् मूल pos=n,g=n,c=1,n=s
पर पर pos=n,comp=y
अधीनम् अधीन pos=a,g=n,c=1,n=s
भृशम् भृशम् pos=i
अप्रिय अप्रिय pos=a,comp=y
भागिन् भागिन् pos=a,g=n,c=1,n=s
pos=i