महाभारतम् — 1.138.25
Original
Segmented
एको वृक्षो हि यो ग्रामे भवेत् पर्ण-फल-अन्वितः चैत्यो भवति निर्ज्ञातिः अर्चनीयः सु पूजितः
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
एको | एक | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वृक्षो | वृक्ष | pos=n,g=m,c=1,n=s |
हि | हि | pos=i |
यो | यद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
ग्रामे | ग्राम | pos=n,g=m,c=7,n=s |
भवेत् | भू | pos=v,p=3,n=s,l=vidhilin |
पर्ण | पर्ण | pos=n,comp=y |
फल | फल | pos=n,comp=y |
अन्वितः | अन्वित | pos=a,g=m,c=1,n=s |
चैत्यो | चैत्य | pos=n,g=m,c=1,n=s |
भवति | भू | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
निर्ज्ञातिः | निर्ज्ञाति | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अर्चनीयः | अर्च् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=krtya |
सु | सु | pos=i |
पूजितः | पूजय् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |