Original

शुचिमाप्तं प्रियं चैव सदा च दृढभक्तिकम् ।न विद्यते कवेः किंचिदभिज्ञानप्रयोजनम् ॥ ८ ॥

Segmented

शुचिम् आप्तम् प्रियम् च एव सदा च दृढ-भक्तिकम् न विद्यते कवेः किंचिद् अभिज्ञान-प्रयोजनम्

Analysis

Word Lemma Parse
शुचिम् शुचि pos=a,g=m,c=2,n=s
आप्तम् आप्त pos=a,g=m,c=2,n=s
प्रियम् प्रिय pos=a,g=m,c=2,n=s
pos=i
एव एव pos=i
सदा सदा pos=i
pos=i
दृढ दृढ pos=a,comp=y
भक्तिकम् भक्तिक pos=a,g=m,c=2,n=s
pos=i
विद्यते विद् pos=v,p=3,n=s,l=lat
कवेः कवि pos=n,g=m,c=6,n=s
किंचिद् कश्चित् pos=n,g=n,c=1,n=s
अभिज्ञान अभिज्ञान pos=n,comp=y
प्रयोजनम् प्रयोजन pos=n,g=n,c=1,n=s