Original

सकुण्डलं सकवचं दिव्यलक्षणलक्षितम् ।कथमादित्यसंकाशं मृगी व्याघ्रं जनिष्यति ॥ १५ ॥

Segmented

स कुण्डलम् स कवचम् दिव्य-लक्षण-लक्षितम् कथम् आदित्य-संकाशम् मृगी व्याघ्रम् जनिष्यति

Analysis

Word Lemma Parse
pos=i
कुण्डलम् कुण्डल pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
कवचम् कवच pos=n,g=m,c=2,n=s
दिव्य दिव्य pos=a,comp=y
लक्षण लक्षण pos=n,comp=y
लक्षितम् लक्षय् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
कथम् कथम् pos=i
आदित्य आदित्य pos=n,comp=y
संकाशम् संकाश pos=n,g=m,c=2,n=s
मृगी मृगी pos=n,g=f,c=1,n=s
व्याघ्रम् व्याघ्र pos=n,g=m,c=2,n=s
जनिष्यति जन् pos=v,p=3,n=s,l=lrt