Original

दुर्योधन उवाच ।भुङ्क्ष्व भोगान्मया सार्धं बन्धूनां प्रियकृद्भव ।दुर्हृदां कुरु सर्वेषां मूर्ध्नि पादमरिंदम ॥ १६ ॥

Segmented

दुर्योधन उवाच भुङ्क्ष्व भोगान् मया सार्धम् बन्धूनाम् प्रिय-कृत् भव दुर्हृदाम् कुरु सर्वेषाम् मूर्ध्नि पादम् अरिंदम

Analysis

Word Lemma Parse
दुर्योधन दुर्योधन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
भुङ्क्ष्व भुज् pos=v,p=2,n=s,l=lot
भोगान् भोग pos=n,g=m,c=2,n=p
मया मद् pos=n,g=,c=3,n=s
सार्धम् सार्धम् pos=i
बन्धूनाम् बन्धु pos=n,g=m,c=6,n=p
प्रिय प्रिय pos=a,comp=y
कृत् कृत् pos=a,g=m,c=1,n=s
भव भू pos=v,p=2,n=s,l=lot
दुर्हृदाम् दुर्हृद् pos=n,g=m,c=6,n=p
कुरु कृ pos=v,p=2,n=s,l=lot
सर्वेषाम् सर्व pos=n,g=m,c=6,n=p
मूर्ध्नि मूर्धन् pos=n,g=m,c=7,n=s
पादम् पाद pos=n,g=m,c=2,n=s
अरिंदम अरिंदम pos=a,g=m,c=8,n=s