Original

एकलव्यस्तु तं दृष्ट्वा द्रोणमायान्तमन्तिकात् ।अभिगम्योपसंगृह्य जगाम शिरसा महीम् ॥ ३१ ॥

Segmented

एकलव्यः तु तम् दृष्ट्वा द्रोणम् आयान्तम् अन्तिकात् अभिगम्य उपसंगृह्य जगाम शिरसा महीम्

Analysis

Word Lemma Parse
एकलव्यः एकलव्य pos=n,g=m,c=1,n=s
तु तु pos=i
तम् तद् pos=n,g=m,c=2,n=s
दृष्ट्वा दृश् pos=vi
द्रोणम् द्रोण pos=n,g=m,c=2,n=s
आयान्तम् आया pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part
अन्तिकात् अन्तिक pos=n,g=n,c=5,n=s
अभिगम्य अभिगम् pos=vi
उपसंगृह्य उपसंग्रह् pos=vi
जगाम गम् pos=v,p=3,n=s,l=lit
शिरसा शिरस् pos=n,g=n,c=3,n=s
महीम् मही pos=n,g=f,c=2,n=s