Original

अकृतेयं तव प्रज्ञा ब्रह्मन्नातिसमञ्जसी ।यदात्थ मां त्वं प्रसभं सखा तेऽहमिति द्विज ॥ ३५ ॥

Segmented

अकृता इयम् तव प्रज्ञा ब्रह्मन् न अतिसमञ्जसा यद् आत्थ माम् त्वम् प्रसभम् सखा ते ऽहम् इति द्विज

Analysis

Word Lemma Parse
अकृता अकृत pos=a,g=f,c=1,n=s
इयम् इदम् pos=n,g=f,c=1,n=s
तव त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
प्रज्ञा प्रज्ञा pos=n,g=f,c=1,n=s
ब्रह्मन् ब्रह्मन् pos=n,g=m,c=8,n=s
pos=i
अतिसमञ्जसा अतिसमञ्जस pos=a,g=f,c=1,n=s
यद् यद् pos=n,g=n,c=2,n=s
आत्थ अह् pos=v,p=2,n=s,l=lit
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
त्वम् त्व pos=n,g=n,c=1,n=s
प्रसभम् प्रसभम् pos=i
सखा सखि pos=n,g=,c=1,n=s
ते त्वद् pos=n,g=,c=6,n=s
ऽहम् मद् pos=n,g=,c=1,n=s
इति इति pos=i
द्विज द्विज pos=n,g=m,c=8,n=s