महाभारतम् — 1.122.28
Original
Segmented
स समासाद्य माम् तत्र प्रिय-कारी प्रियंवदः अब्रवीद् इति माम् भीष्म वचनम् प्रीति-वर्धनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
समासाद्य | समासादय् | pos=vi |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
तत्र | तत्र | pos=i |
प्रिय | प्रिय | pos=a,comp=y |
कारी | कारिन् | pos=a,g=m,c=1,n=s |
प्रियंवदः | प्रियंवद | pos=a,g=m,c=1,n=s |
अब्रवीद् | ब्रू | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
इति | इति | pos=i |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
भीष्म | भीष्म | pos=n,g=m,c=8,n=s |
वचनम् | वचन | pos=n,g=n,c=2,n=s |
प्रीति | प्रीति | pos=n,comp=y |
वर्धनम् | वर्धन | pos=a,g=n,c=2,n=s |