Original

स समासाद्य मां तत्र प्रियकारी प्रियंवदः ।अब्रवीदिति मां भीष्म वचनं प्रीतिवर्धनम् ॥ २८ ॥

Segmented

स समासाद्य माम् तत्र प्रिय-कारी प्रियंवदः अब्रवीद् इति माम् भीष्म वचनम् प्रीति-वर्धनम्

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
समासाद्य समासादय् pos=vi
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
तत्र तत्र pos=i
प्रिय प्रिय pos=a,comp=y
कारी कारिन् pos=a,g=m,c=1,n=s
प्रियंवदः प्रियंवद pos=a,g=m,c=1,n=s
अब्रवीद् ब्रू pos=v,p=3,n=s,l=lan
इति इति pos=i
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
भीष्म भीष्म pos=n,g=m,c=8,n=s
वचनम् वचन pos=n,g=n,c=2,n=s
प्रीति प्रीति pos=n,comp=y
वर्धनम् वर्धन pos=a,g=n,c=2,n=s