महाभारतम् — 1.122.2
Original
Segmented
द्रुपद उवाच अकृता इयम् तव प्रज्ञा ब्रह्मन् न अतिसमञ्जसा यन् माम् ब्रवीषि प्रसभम् सखा ते ऽहम् इति द्विज
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
द्रुपद | द्रुपद | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
अकृता | अकृत | pos=a,g=f,c=1,n=s |
इयम् | इदम् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
तव | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
प्रज्ञा | प्रज्ञा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
ब्रह्मन् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
न | न | pos=i |
अतिसमञ्जसा | अतिसमञ्जस | pos=a,g=f,c=1,n=s |
यन् | यत् | pos=i |
माम् | मद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
ब्रवीषि | ब्रू | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
प्रसभम् | प्रसभम् | pos=i |
सखा | सखि | pos=n,g=,c=1,n=s |
ते | त्वद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
ऽहम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=s |
इति | इति | pos=i |
द्विज | द्विज | pos=n,g=m,c=8,n=s |