महाभारतम् — 1.120.1
Original
Segmented
जनमेजय उवाच कृपस्य अपि महा-ब्रह्मन् संभवम् वक्तुम् अर्हसि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
जनमेजय | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कृपस्य | कृप | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अपि | अपि | pos=i |
महा | महत् | pos=a,comp=y |
ब्रह्मन् | ब्रह्मन् | pos=n,g=m,c=8,n=s |
संभवम् | सम्भव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
वक्तुम् | वच् | pos=vi |
अर्हसि | अर्ह् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |