महाभारतम् — 1.12.1
Original
Segmented
रुरुः उवाच कथम् हिंसितवान् सर्पान् क्षत्रियो जनमेजयः सर्पा वा हिंसिताः तात किम् अर्थम् द्विजसत्तम
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
रुरुः | रुरु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
कथम् | कथम् | pos=i |
हिंसितवान् | हिंस् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
सर्पान् | सर्प | pos=n,g=m,c=2,n=p |
क्षत्रियो | क्षत्रिय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
जनमेजयः | जनमेजय | pos=n,g=m,c=1,n=s |
सर्पा | सर्प | pos=n,g=m,c=1,n=p |
वा | वा | pos=i |
हिंसिताः | हिंस् | pos=va,g=m,c=1,n=p,f=part |
तात | तात | pos=n,g=m,c=8,n=s |
किम् | क | pos=n,g=n,c=2,n=s |
अर्थम् | अर्थ | pos=n,g=n,c=2,n=s |
द्विजसत्तम | द्विजसत्तम | pos=n,g=m,c=8,n=s |