महाभारतम् — 1.116.30
Original
Segmented
दारकेषु अप्रमत्ता च भवेथाः च हिता मम अतो ऽन्यन् न प्रपश्यामि संदेष्टव्यम् हि किंचन
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
दारकेषु | दारक | pos=n,g=m,c=7,n=p |
अप्रमत्ता | अप्रमत्त | pos=a,g=f,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
भवेथाः | भू | pos=v,p=2,n=s,l=vidhilin |
च | च | pos=i |
हिता | हित | pos=a,g=f,c=1,n=s |
मम | मद् | pos=n,g=,c=6,n=s |
अतो | अतस् | pos=i |
ऽन्यन् | अन्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
प्रपश्यामि | प्रपश् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
संदेष्टव्यम् | संदेष्टव्य | pos=n,g=n,c=2,n=s |
हि | हि | pos=i |
किंचन | कश्चन | pos=n,g=n,c=2,n=s |