Original

स त्वं विद्वन्धर्ममिमं बुद्धिगम्यं कथं नु माम् ।अपत्यार्थं समुत्क्रम्य प्रमादादिव भाषसे ॥ ६६ ॥

Segmented

स त्वम् विद्वन् धर्मम् इमम् बुद्धि-गम् कथम् नु माम् अपत्य-अर्थम् समुत्क्रम्य प्रमादाद् इव भाषसे

Analysis

Word Lemma Parse
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
त्वम् त्वद् pos=n,g=,c=1,n=s
विद्वन् विद्वस् pos=a,g=m,c=8,n=s
धर्मम् धर्म pos=n,g=m,c=2,n=s
इमम् इदम् pos=n,g=m,c=2,n=s
बुद्धि बुद्धि pos=n,comp=y
गम् गम् pos=va,g=m,c=2,n=s,f=krtya
कथम् कथम् pos=i
नु नु pos=i
माम् मद् pos=n,g=,c=2,n=s
अपत्य अपत्य pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
समुत्क्रम्य समुत्क्रम् pos=vi
प्रमादाद् प्रमाद pos=n,g=m,c=5,n=s
इव इव pos=i
भाषसे भाष् pos=v,p=2,n=s,l=lat