Original

वैशंपायन उवाच ।संवत्सराहिते गर्भे गान्धार्या जनमेजय ।आह्वयामास वै कुन्ती गर्भार्थं धर्ममच्युतम् ॥ १ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच संवत्सर-आहिते गर्भे गान्धार्या जनमेजय आह्वयामास वै कुन्ती गर्भ-अर्थम् धर्मम् अच्युतम्

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
संवत्सर संवत्सर pos=n,comp=y
आहिते आधा pos=va,g=m,c=7,n=s,f=part
गर्भे गर्भ pos=n,g=m,c=7,n=s
गान्धार्या गान्धारी pos=n,g=f,c=6,n=s
जनमेजय जनमेजय pos=n,g=m,c=8,n=s
आह्वयामास आह्वा pos=v,p=3,n=s,l=lit
वै वै pos=i
कुन्ती कुन्ती pos=n,g=f,c=1,n=s
गर्भ गर्भ pos=n,comp=y
अर्थम् अर्थ pos=n,g=m,c=2,n=s
धर्मम् धर्म pos=n,g=m,c=2,n=s
अच्युतम् अच्युत pos=a,g=m,c=2,n=s