Original

सत्कृतोऽसक्तृतो वापि योऽन्यां कृपणचक्षुषा ।उपैति वृत्तिं कामात्मा स शुनां वर्तते पथि ॥ २१ ॥

Segmented

उपैति वृत्तिम् काम-आत्मा स शुनाम् वर्तते पथि

Analysis

Word Lemma Parse
उपैति उपे pos=v,p=3,n=s,l=lat
वृत्तिम् वृत्ति pos=n,g=f,c=2,n=s
काम काम pos=n,comp=y
आत्मा आत्मन् pos=n,g=m,c=1,n=s
तद् pos=n,g=m,c=1,n=s
शुनाम् श्वन् pos=n,g=,c=6,n=p
वर्तते वृत् pos=v,p=3,n=s,l=lat
पथि पथिन् pos=n,g=m,c=7,n=s