Original

वैशंपायन उवाच ।राजा पाण्डुर्महारण्ये मृगव्यालनिषेविते ।वने मैथुनकालस्थं ददर्श मृगयूथपम् ॥ ५ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच राजा पाण्डुः महा-अरण्ये मृग-व्याल-निषेविते वने मैथुन-काल-स्थम् ददर्श मृग-यूथपम्

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
राजा राजन् pos=n,g=m,c=1,n=s
पाण्डुः पाण्डु pos=n,g=m,c=1,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
अरण्ये अरण्य pos=n,g=n,c=7,n=s
मृग मृग pos=n,comp=y
व्याल व्याल pos=n,comp=y
निषेविते निषेव् pos=va,g=n,c=7,n=s,f=part
वने वन pos=n,g=n,c=7,n=s
मैथुन मैथुन pos=n,comp=y
काल काल pos=n,comp=y
स्थम् स्थ pos=a,g=m,c=2,n=s
ददर्श दृश् pos=v,p=3,n=s,l=lit
मृग मृग pos=n,comp=y
यूथपम् यूथप pos=n,g=m,c=2,n=s