महाभारतम् — 1.109.31
Original
Segmented
वैशंपायन उवाच एवम् उक्त्वा सु दुःख-आर्तः जीवितात् स व्ययुज्यत मृगः पाण्डुः च शोक-आर्तः क्षणेन समपद्यत
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
वैशंपायन | वैशम्पायन | pos=n,g=m,c=1,n=s |
उवाच | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
एवम् | एवम् | pos=i |
उक्त्वा | वच् | pos=vi |
सु | सु | pos=i |
दुःख | दुःख | pos=n,comp=y |
आर्तः | आर्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
जीवितात् | जीवित | pos=n,g=n,c=5,n=s |
स | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
व्ययुज्यत | वियुज् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |
मृगः | मृग | pos=n,g=m,c=1,n=s |
पाण्डुः | पाण्डु | pos=n,g=m,c=1,n=s |
च | च | pos=i |
शोक | शोक | pos=n,comp=y |
आर्तः | आर्त | pos=a,g=m,c=1,n=s |
क्षणेन | क्षण | pos=n,g=m,c=3,n=s |
समपद्यत | सम्पद् | pos=v,p=3,n=s,l=lan |