Original

तन्महोदधिवत्पूर्णं नगरं वै व्यरोचत ।द्वारतोरणनिर्यूहैर्युक्तमभ्रचयोपमैः ।प्रासादशतसंबाधं महेन्द्रपुरसंनिभम् ॥ ८ ॥

Segmented

तन् महोदधि-वत् पूर्णम् नगरम् वै व्यरोचत द्वार-तोरण-निर्यूहैः युक्तम् अभ्र-चय-उपमैः प्रासाद-शत-संबाधम् महा-इन्द्र-पुर-संनिभम्

Analysis

Word Lemma Parse
तन् तद् pos=n,g=n,c=1,n=s
महोदधि महोदधि pos=n,comp=y
वत् वत् pos=i
पूर्णम् पृ pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
नगरम् नगर pos=n,g=n,c=1,n=s
वै वै pos=i
व्यरोचत विरुच् pos=v,p=3,n=s,l=lan
द्वार द्वार pos=n,comp=y
तोरण तोरण pos=n,comp=y
निर्यूहैः निर्यूह pos=n,g=n,c=3,n=p
युक्तम् युज् pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part
अभ्र अभ्र pos=n,comp=y
चय चय pos=n,comp=y
उपमैः उपम pos=a,g=n,c=3,n=p
प्रासाद प्रासाद pos=n,comp=y
शत शत pos=n,comp=y
संबाधम् सम्बाध pos=n,g=n,c=1,n=s
महा महत् pos=a,comp=y
इन्द्र इन्द्र pos=n,comp=y
पुर पुर pos=n,comp=y
संनिभम् संनिभ pos=a,g=n,c=1,n=s