Original

वैशंपायन उवाच ।एतेन त्वपराधेन शापात्तस्य महात्मनः ।धर्मो विदुररूपेण शूद्रयोनावजायत ॥ २७ ॥

Segmented

वैशंपायन उवाच एतेन तु अपराधेन शापात् तस्य महात्मनः धर्मो विदुर-रूपेण शूद्र-योनौ अजायत

Analysis

Word Lemma Parse
वैशंपायन वैशम्पायन pos=n,g=m,c=1,n=s
उवाच वच् pos=v,p=3,n=s,l=lit
एतेन एतद् pos=n,g=n,c=3,n=s
तु तु pos=i
अपराधेन अपराध pos=n,g=m,c=3,n=s
शापात् शाप pos=n,g=m,c=5,n=s
तस्य तद् pos=n,g=m,c=6,n=s
महात्मनः महात्मन् pos=a,g=m,c=6,n=s
धर्मो धर्म pos=n,g=m,c=1,n=s
विदुर विदुर pos=n,comp=y
रूपेण रूप pos=n,g=n,c=3,n=s
शूद्र शूद्र pos=n,comp=y
योनौ योनि pos=n,g=m,c=7,n=s
अजायत जन् pos=v,p=3,n=s,l=lan