महाभारतम् — 1.1.136
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् श्रान्त-हये धनंजये मुक्त्वा हयान् पाययित्वा उपवृत्तान् पुनः युक्त्वा वासुदेवम् प्रयातम् तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
श्रान्त | श्रम् | pos=va,comp=y,f=part |
हये | हय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
धनंजये | धनंजय | pos=n,g=m,c=7,n=s |
मुक्त्वा | मुच् | pos=vi |
हयान् | हय | pos=n,g=m,c=2,n=p |
पाययित्वा | पायय् | pos=vi |
उपवृत्तान् | उपवृत् | pos=va,g=m,c=2,n=p,f=part |
पुनः | पुनर् | pos=i |
युक्त्वा | युज् | pos=vi |
वासुदेवम् | वासुदेव | pos=n,g=m,c=2,n=s |
प्रयातम् | प्रया | pos=va,g=m,c=2,n=s,f=part |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |