महाभारतम् — 1.1.123
Original
Segmented
यदा अश्रौषम् वासुदेव-अर्जुनौ तौ तथा धनुः गाण्डिवम् अप्रमेयम् त्रीणि उग्र-वीर्याणि समागतानि तदा न आशंसे विजयाय संजय
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
यदा | यदा | pos=i |
अश्रौषम् | श्रु | pos=v,p=1,n=s,l=lun |
वासुदेव | वासुदेव | pos=n,comp=y |
अर्जुनौ | अर्जुन | pos=n,g=m,c=1,n=d |
तौ | तद् | pos=n,g=m,c=1,n=d |
तथा | तथा | pos=i |
धनुः | धनुस् | pos=n,g=n,c=1,n=s |
गाण्डिवम् | गाण्डिव | pos=n,g=n,c=1,n=s |
अप्रमेयम् | अप्रमेय | pos=a,g=n,c=1,n=s |
त्रीणि | त्रि | pos=n,g=n,c=1,n=p |
उग्र | उग्र | pos=a,comp=y |
वीर्याणि | वीर्य | pos=n,g=n,c=1,n=p |
समागतानि | समागम् | pos=va,g=n,c=1,n=p,f=part |
तदा | तदा | pos=i |
न | न | pos=i |
आशंसे | आशंस् | pos=v,p=1,n=s,l=lat |
विजयाय | विजय | pos=n,g=m,c=4,n=s |
संजय | संजय | pos=n,g=m,c=8,n=s |