कुमारसम्भवम् — 7.28
Original
Segmented
अखण्डितम् प्रेम लभस्व पत्युः इत्य् उच्यते ताभिः उमा स्म नम्रा तया तु तस्य अर्ध-शरीर-भाज् पश्चात्कृताः स्निग्ध-जन-आशिषः ऽपि
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अखण्डितम् | अखण्डित | pos=a,g=n,c=2,n=s |
प्रेम | प्रेमन् | pos=n,g=n,c=2,n=s |
लभस्व | लभ् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
पत्युः | पति | pos=n,g=,c=6,n=s |
इत्य् | इति | pos=i |
उच्यते | वच् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |
ताभिः | तद् | pos=n,g=f,c=3,n=p |
उमा | उमा | pos=n,g=f,c=1,n=s |
स्म | स्म | pos=i |
नम्रा | नम्र | pos=a,g=f,c=1,n=s |
तया | तद् | pos=n,g=f,c=3,n=s |
तु | तु | pos=i |
तस्य | तद् | pos=n,g=m,c=6,n=s |
अर्ध | अर्ध | pos=a,comp=y |
शरीर | शरीर | pos=n,comp=y |
भाज् | भाज् | pos=a,g=f,c=3,n=s |
पश्चात्कृताः | पश्चात्कृत | pos=a,g=f,c=1,n=p |
स्निग्ध | स्निग्ध | pos=a,comp=y |
जन | जन | pos=n,comp=y |
आशिषः | आशिस् | pos=n,g=f,c=1,n=p |
ऽपि | अपि | pos=i |