कुमारसम्भवम् — 6.22
Original
Segmented
साक्षाद् दृष्टो ऽसि न पुनः विद्मस् त्वाम् वयम् अञ्जसा प्रसीद कथय आत्मानम् न धियाम् पथि वर्तसे
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
साक्षाद् | साक्षात् | pos=i |
दृष्टो | दृश् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽसि | अस् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |
न | न | pos=i |
पुनः | पुनर् | pos=i |
विद्मस् | विद् | pos=v,p=1,n=p,l=lat |
त्वाम् | त्वद् | pos=n,g=,c=2,n=s |
वयम् | मद् | pos=n,g=,c=1,n=p |
अञ्जसा | अञ्जसा | pos=i |
प्रसीद | प्रसद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
कथय | कथय् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
आत्मानम् | आत्मन् | pos=n,g=m,c=2,n=s |
न | न | pos=i |
धियाम् | धी | pos=n,g=f,c=7,n=s |
पथि | पथिन् | pos=n,g=,c=7,n=s |
वर्तसे | वृत् | pos=v,p=2,n=s,l=lat |