Original

साक्षाद् दृष्टो ऽसि न पुनर् विद्मस् त्वां वयम् अञ्जसा ।प्रसीद कथयात्मानं न धियां पथि वर्तसे ॥

Segmented

साक्षाद् दृष्टो ऽसि न पुनः विद्मस् त्वाम् वयम् अञ्जसा प्रसीद कथय आत्मानम् न धियाम् पथि वर्तसे

Analysis

Word Lemma Parse
साक्षाद् साक्षात् pos=i
दृष्टो दृश् pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part
ऽसि अस् pos=v,p=2,n=s,l=lat
pos=i
पुनः पुनर् pos=i
विद्मस् विद् pos=v,p=1,n=p,l=lat
त्वाम् त्वद् pos=n,g=,c=2,n=s
वयम् मद् pos=n,g=,c=1,n=p
अञ्जसा अञ्जसा pos=i
प्रसीद प्रसद् pos=v,p=2,n=s,l=lot
कथय कथय् pos=v,p=2,n=s,l=lot
आत्मानम् आत्मन् pos=n,g=m,c=2,n=s
pos=i
धियाम् धी pos=n,g=f,c=7,n=s
पथि पथिन् pos=n,g=,c=7,n=s
वर्तसे वृत् pos=v,p=2,n=s,l=lat