कुमारसम्भवम् — 5.44
Original
Segmented
किम् इत्य् अपास्य आभरणानि यौवने धृतम् त्वया वार्द्धक-शोभिन् वल्कलम् वद प्रदोषे स्फुट-चन्द्र-तारके विभावरी यद्य् अरुणाय कल्पते
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
किम् | क | pos=n,g=n,c=1,n=s |
इत्य् | इति | pos=i |
अपास्य | अपास् | pos=vi |
आभरणानि | आभरण | pos=n,g=n,c=2,n=p |
यौवने | यौवन | pos=n,g=n,c=7,n=s |
धृतम् | धृ | pos=va,g=n,c=1,n=s,f=part |
त्वया | त्वद् | pos=n,g=,c=3,n=s |
वार्द्धक | वार्द्धक | pos=n,comp=y |
शोभिन् | शोभिन् | pos=a,g=n,c=1,n=s |
वल्कलम् | वल्कल | pos=n,g=n,c=1,n=s |
वद | वद् | pos=v,p=2,n=s,l=lot |
प्रदोषे | प्रदोष | pos=n,g=m,c=7,n=s |
स्फुट | स्फुट | pos=a,comp=y |
चन्द्र | चन्द्र | pos=n,comp=y |
तारके | तारक | pos=n,g=m,c=7,n=s |
विभावरी | विभावरी | pos=n,g=f,c=1,n=s |
यद्य् | यदि | pos=i |
अरुणाय | अरुण | pos=n,g=n,c=4,n=s |
कल्पते | क्ᄆप् | pos=v,p=3,n=s,l=lat |