कुमारसम्भवम् — 4.2
Original
Segmented
अवधान-परे चकार सा प्रलय-अन्त-उन्मिषिते विलोचने न विवेद तयोः अतृप्तयोः प्रियम् अत्यन्त-विलुप्-दर्शनम्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
अवधान | अवधान | pos=n,comp=y |
परे | पर | pos=n,g=n,c=2,n=d |
चकार | कृ | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
सा | तद् | pos=n,g=f,c=1,n=s |
प्रलय | प्रलय | pos=n,comp=y |
अन्त | अन्त | pos=n,comp=y |
उन्मिषिते | उन्मिष् | pos=va,g=n,c=2,n=d,f=part |
विलोचने | विलोचन | pos=n,g=n,c=2,n=d |
न | न | pos=i |
विवेद | विद् | pos=v,p=3,n=s,l=lit |
तयोः | तद् | pos=n,g=n,c=6,n=d |
अतृप्तयोः | अतृप्त | pos=a,g=n,c=6,n=d |
प्रियम् | प्रिय | pos=a,g=n,c=2,n=s |
अत्यन्त | अत्यन्त | pos=a,comp=y |
विलुप् | विलुप् | pos=va,comp=y,f=part |
दर्शनम् | दर्शन | pos=n,g=n,c=2,n=s |