Original

तां वीक्ष्य सर्वावयवानवद्यां रतेर् अपि ह्रीपदम् आदधानाम् ।जितेन्द्रिये शूलिनि पुष्पचापः स्वकार्यसिद्धिं पुनर् आशशंसे ॥

Segmented

ताम् वीक्ष्य सर्व-अवयव-अनवद्याम् रतेः अपि ह्री-पदम् आदधानाम् जित-इन्द्रिये शूलिनि पुष्प-चापः स्व-कार्य-सिद्धिम् पुनः आशशंसे

Analysis

Word Lemma Parse
ताम् तद् pos=n,g=f,c=2,n=s
वीक्ष्य वीक्ष् pos=vi
सर्व सर्व pos=n,comp=y
अवयव अवयव pos=n,comp=y
अनवद्याम् अनवद्य pos=a,g=f,c=2,n=s
रतेः रति pos=n,g=f,c=6,n=s
अपि अपि pos=i
ह्री ह्री pos=n,comp=y
पदम् पद pos=n,g=n,c=2,n=s
आदधानाम् आधा pos=va,g=f,c=2,n=s,f=part
जित जि pos=va,comp=y,f=part
इन्द्रिये इन्द्रिय pos=n,g=m,c=7,n=s
शूलिनि शूलिन् pos=n,g=m,c=7,n=s
पुष्प पुष्प pos=n,comp=y
चापः चाप pos=n,g=m,c=1,n=s
स्व स्व pos=a,comp=y
कार्य कार्य pos=n,comp=y
सिद्धिम् सिद्धि pos=n,g=f,c=2,n=s
पुनः पुनर् pos=i
आशशंसे आशंस् pos=v,p=3,n=s,l=lit