कुमारसम्भवम् — 3.41
Original
Segmented
लता-गृह-द्वार-गतः ऽथ नन्दी वाम-प्रकोष्ठ-अर्पित-हेम-वेत्रः मुख-अर्पित-एक-अङ्गुलि-संज्ञया एव मा चापलाय इति गणान् व्यनैषीत्
Analysis
Word | Lemma | Parse |
---|---|---|
लता | लता | pos=n,comp=y |
गृह | गृह | pos=n,comp=y |
द्वार | द्वार | pos=n,comp=y |
गतः | गम् | pos=va,g=m,c=1,n=s,f=part |
ऽथ | अथ | pos=i |
नन्दी | नन्दिन् | pos=n,g=m,c=1,n=s |
वाम | वाम | pos=a,comp=y |
प्रकोष्ठ | प्रकोष्ठ | pos=n,comp=y |
अर्पित | अर्पय् | pos=va,comp=y,f=part |
हेम | हेमन् | pos=n,comp=y |
वेत्रः | वेत्र | pos=n,g=m,c=1,n=s |
मुख | मुख | pos=n,comp=y |
अर्पित | अर्पय् | pos=va,comp=y,f=part |
एक | एक | pos=n,comp=y |
अङ्गुलि | अङ्गुलि | pos=n,comp=y |
संज्ञया | संज्ञा | pos=n,g=f,c=3,n=s |
एव | एव | pos=i |
मा | मा | pos=i |
चापलाय | चापल | pos=n,g=n,c=4,n=s |
इति | इति | pos=i |
गणान् | गण | pos=n,g=m,c=2,n=p |
व्यनैषीत् | विनी | pos=v,p=3,n=s,l=lun |